
हरियाली अमावस्या कुँवारी कन्या और विवाहित स्त्रियों के लिए किसी वरदान के समान पर्व है।
सावन मास में पड़ने के कारण इस हरियाली अमावस्या को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।
हरियाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
इस बार सावन मास के तीसरे सोमवार को हरियाली अमावस्या आ रही है ,
सोमवार को आने के कारण इस अमावस को सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है जो की एक अद्भुत संयोग है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये अदभुत संयोग 16 वर्षों के बाद आ रहा है ।
हरियाली अमावस्या के दिन चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र और शनि सभी ग्रह अपनी-अपनी राशियों में ही रहेंगे।
इस कारण कई राशियों पर इनका प्रभाव शुभ होगा।
आज हम जानेंगे हरियाली अमावस्या के बारे में कुछ खास बातें और कुँवारी कन्या और विवाहित स्त्रियों के लिए कुछ विशेष उपाय …
कब है हरियाली अमावस्या ?
क्यों है इस बार की हरियाली अमावस्या का अदभुत संयोग ?
क्यों मनाई जाती है हरियाली अमावस्या ?
कुँवारी कन्या और विवाहित स्त्रियों के लिए खास उपाय ?
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कब है हरियाली अमावस्या ?
साल 2020 में हरियाली अमावस्या 20 जुलाई सोमवार को पड़ रही है ।
क्यों है इस बार की हरियाली अमावस्या का अदभुत संयोग ?
वैसे तो हरियाली अमावस्या हर साल सावन मास में आती है ,
परंतु इस वर्ष 16 वर्षों के बाद अदभुत संयोग बनने का कारण ये है की इस साल हरियाली अमावस्या के साथ और भी व्रत पड़ रहे है।
जिसमे श्रावण मास का तीसरा सोमवार व्रत , दर्श अमावस्या ,
और लगभग पांच ग्रह का स्वराशि (अपनी राशि) मे गोचर करना एक अदभुत संयोग का निर्माण कर रहा है।
क्यों मनाई जाती है हरियाली अमावस्या ?
हरियाली अमावस्या को माता पार्वती के तप की परीक्षा का दिन माना जाता है।
जब माता पार्वती भगवान शंकर को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या कर रहे थे ,
तब भोलेनाथ ने उनके तप की परीक्षा लेने के लिए सप्तऋषियों को उनके पास भेजा।
सप्तऋषि माता के पास जाकर के बोले कि आप जिनको वर के रूप में पाने के लिए इतना कठिन तप कर रहे है ,
किंतु वो तो कैलाश पर्वत पर रहते उनका कोई महल नही है न ही कोई स्थान, वे भूत प्रेतों के साथ रहते है।
केशो की बड़ी बड़ी जटाएं बनाए हुए है गले मे विष धारण किए हुए है। शरीर पर भस्म लगाए रहते है, भांग धतूरे को खाते है।
उनका खेती ,धन, व्यापार आदि से कोई सम्बंध नही है। उनके कुल का किसी को पता नही है।
तांडव नृत्य करते है और अपने ध्यान में मग्न रहते है।
आप ऐसे शंकर से विवाह कर के क्या करेंगे वो तो पहले भी सती को छोड़कर के ध्यान में लग गए थे।
तुम लक्ष्मी पति भगवान विष्णु जो कि वैकुण्ठ में रहते है उनको अपना पति चुन लो।
माता पार्वती बोलती है कि भगवान शंकर भले ही किसी धन, खेती, व्यापार से मतलब न रखते हो परन्तु सारा संसार ही उनसे उत्पन्न हुआ है।
वे गले मे आभूषण पहने या सर्पो की माला वे तो पूरे विश्व के स्वामी है उनको किसी चीज की जरूरत ही क्या है।
उनके सिर पर चंद्रमा इतना अधिक शोभा पता है। उनके विश्व के स्वामी होने में इन सब बातों से कोई अंतर नही आता है।
मै केवल शिवजी से ही विवाह करुँगी ओर उनको ही अपना पति स्वीकार करुँगी।
पार्वती की बातों को सुनकर प्रसन्न होकर सप्तऋषियों ने उनको अखंड सौभाग्य का वरदान दिया,
और भोलेनाथ के पास जाकर सारी कथा सुनाई भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर राजा हिमाचल को संदेश भेजा कि पार्वती को बुलाकर विवाह की तैयारी की जाए।
तब सभी खुशिया मनाने लगे और राजा ने माता पार्वती को वापस लाने के लिए भेजा।
तब ही से ये अमावस्या सौभाग्य औऱ सुयोग्य वर की कामना के लिए मनाई जाती है।
नित्य पूजा पाठ से जुड़े कुछ नियम…
हरियाली अमावस्या पूजा विधि
हरियाली अमावस्या के लिए प्रातः काल उठकर नहाने के पानी मे थोड़ा सा पवित्र जल ( गंगा जल ) मिला कर स्नान करें ,
इसके सूर्य देव को अर्घ्य दे एवं सूर्य आराधना करें , इसके बाद पितरो के निर्मित तर्पण करे ,
अब घर के मंदिर में बैठ जाए आसन पर और स्वयं पर जल छिड़के भगवान की धूप दिप से पूजा अर्चना करें ,
अब दाहिने हाथ मे जल और पूर्ण अक्षत ले कर हरियाली अमावस्या व्रत का संकल्प ले और तीन माला इस मंत्र की जाप करें ।
मंत्र:- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
कुँवारी कन्या और विवाहित स्त्रियों के लिए खास उपाय…
1.सोमवार अमावस्या को सुबह उठकर स्नान आदि करने के पश्चात घर के मंदिर में शिव पार्वती की पूजा के बाद सुहाग की सामग्री माता पार्वती और शिव जी को चढ़ाए। अपने पति की लंबाई का लाल धागा या मोली लेकर उसे तीन गुना कर ले।
2.वट वृक्ष के चारो ओर परिक्रमा करते हुए अपने पति की लंबी उम्र और परिवार में सुख की कामना करें।
धागे को बांध कर जल दूध वृक्ष में चढ़ाए। शाम के समय सुहाग की सामग्री किसी स्त्री को भेंट करें।
3.हरियाली अमावस्या को पीपल और वट के पेड़ की पूजा का विधान है।
पीपल या वट के पेड़ पर जल , दूध और शक्कर मिला कर चढाए एवं संध्या काल मे तेल का दीपक लगाए ।
4. कन्याएं व स्त्रियां शिव पार्वती की पूजा करे और सुयोग्य वर या मिले हुए वर की दीर्घायु के लिए कामना करे।
5. हरियाली अमावस्या के दिन नदी या तालाब में मछली को आटे की गोलियां बना कर खिलाना बहुत ही फलदायक उपाय है ।
6. हरियाली अमावस्या के दिन चींटियों को सुखा आटा शक्कर मिला कर खिलाना चाहिए ।
7. हरियाली अमावस्या के दिन काले कुत्ते को तेल लगी रोटी और गाय माता की सेवा कर उन्हें हरा चारा या हरी सब्जी खिलानी चाहिए ।
कम से कम 5 घंटे का मौन व्रत रखें और ध्यान करे।
8. दुख दरिद्रता को दूर करने के लिए शिवलिंग पर कच्चे दूध, दही , जल से अभिषेक करें ओर सवा घंटे तक ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
गृहस्थ जीवन को सुखी करने के उपाय
अगर बताए गए उपाय करने में असमर्थ है ,
तो एक विशेष उपाय जो हर किसी को अवश्य करना चाहिए ,
हरियाली अमावस्या के लिए पेड़ लगाने का विशेष महत्व है,
इसलिए इस दिन घर के हर सदस्य को कम से कम एक पेड़ लगा कर उसकी सेवा की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए ।
हम बात करते है राशि अनुसार किस राशि के व्यक्ति को कौन सा पेड़ लाभदायक होगा ।
1. मेष राशि :- आम , नीम का वृक्ष लगाए।
2, वृषभ राशि :- पलाश, पीपल का वृक्ष लगाए।
3. मिथून राशि :- वट वृक्ष लगाए।
4. कर्क राशि :- पलाश एवं अशोक का वृक्ष लगाए।
5. सिंह राशि :- शीशम, मीठा नीम का वृक्ष लगाए।
6. कन्या राशि :- आंवला, अमरूद का वृक्ष लगाए।
7. तुला राशि :- कटहल, गूलर का वृक्ष लगाए।
8. वृश्चिक राशि :- आंवला, बेल व पीपल का वृक्ष लगाए।
9. धनु राशि :- पीपल, गूलर का वृक्ष लगाए।
10. मकर राशि :- शमी, बाँस का वृक्ष लगाए।
11. कुम्भ राशि :- शमी, खेजड़ी, पीपल का वृक्ष लगाए।
12. मीन राशि :- पीपल, पलाश व पीले फूल वाले पेड़ लगाए।
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